केवड़ा स्वामी भैरवनाथ मंदिर
प्रकाशित: 17/06/2019आगर के प्रसिध्द मोतीसागर तालाब के तट पर शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र आगर के पास केवडा स्वामी भैरवनाथ मंदिर है, यहाँ की मूर्ति अद्वितीय है एवं एक विशाल वृक्ष के तने की ओट में है | मान्यता है कि भैरव महाराज बाल रूप में लोगों को परेशान करते थे, भक्तो ने वृक्ष की ओट लगाकर तंत्र के माध्यम […]
औरबैजनाथ महादेव मंदिर, आगर
प्रकाशित: 02/01/2018बैजनाथ महादेव मंदिर जिला आगर-मालवा के सुसनेर रोड (उज्जैन-कोटा रोड राष्ट्रिय राजमार्ग 27) पर स्थित है | बैजनाथ महादेव मंदिर जिला आगर-मालवा के प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थलों में से एक है | यह भारत का एकमात्र मंदिर है जिसे अंग्रेजो ने बनवाया था | मंदिर बाणगंगा नदी के किनारे स्तिथ है, इसका निर्माण कार्य […]
औरमाँ बगलामुखी माता मंदिर, नलखेडा
प्रकाशित: 02/01/2018आधिकारिक वेबसाइट – mabaglamukhi.com मध्यप्रदेश में तीन मुखों वाली त्रिशक्ति माता बगलामुखी का यह मंदिर आगर जिले की तहसील नलखेड़ा में लखुंदर नदी के किनारे स्थित है। द्वापर युगीन यह मंदिर अत्यंत चमत्कारिक है। यहाँ देशभर से शैव और शाक्त मार्गी साधु-संत तांत्रिक अनुष्ठान के लिए आते रहते हैं। इस मंदिर में माता बगलामुखी के […]
औरमोतीसागर तालाब
प्रकाशित: 02/01/2018आगर के मोतीसागर तलब की खुदाई सन 1052 में अभयराम बंजारा द्वारा कराई गई थी | इस खुदाई के दौरान उसने अपने पुत्र और पुत्रवधु की बलि दी थी, ऐसा कहा जाता है कि उन्ही की याद में तालाब के बीचों-बीच एक छतरी नुमा समाधि बनाई गई है | प्राचीन काल में यहाँ बंजारा कबीलों […]
औरसोमेश्वर महादेव मंदिर
प्रकाशित: 02/01/2018आगर जिले के उज्जैन रोड पर ग्राम तनोडिया से गुन्दीकलां मार्ग पर गोकुल ग्राम राघोगढ़ के समीप ग्राम सुनारिया है, इसी ग्राम के पश्चिम में 1 कि.मी. दूर छोटी कालीसिंध के मध्य में यह प्रसिध्द मंदिर है, मान्यता है अज्ञातवास के दौरान पांडवो ने भगवान सोमेश्वर की स्थापना की थी | आगर से इसकी दुरी […]
औरमाँ तुलजा भवानी मंदिर
प्रकाशित: 02/01/2018आगर नगर से पूर्व दिशा में 2 कि.मी. की दूरी पर माँ तुलजा भवानी का प्राचीन मंदिर है जो प्राकृतिक गुफा में स्थित है | कानड रोड से दक्षिण दिशा में इस मंदिर की दूरी 1 कि.मी. है |
औरपचेटी माता मंदिर
प्रकाशित: 02/01/2018प्राचीन समय में यहाँ घने जंगल में यह प्राचीन मूर्तियां विराजित थी, धीरे-धीरे यहाँ लोगों का आना जाना शुरू हुआ, माताजी के चमत्कारों से लोगों का आना बढता गया और आज यहाँ एक भव्य मंदिर तैयार हो गया है, जो आज भी जंगल में ही है और पास में ग्राम पचेटी बसा हुआ है |यहाँ […]
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