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बैजनाथ महादेव मंदिर

बैजनाथ महादेव मंदिर

 

 

 

 

 

 

बैजनाथ महादेव मंदिर जिला आगर-मालवा के सुसनेर रोड (उज्जैन-कोटा रोड राष्ट्रिय राजमार्ग 27) पर स्थित है | बैजनाथ महादेव मंदिर जिला आगर-मालवा के प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थलों में से एक है | यह भारत का एकमात्र मंदिर है जिसे अंग्रेजो ने बनवाया था | मंदिर बाणगंगा नदी के किनारे स्तिथ है, इसका निर्माण कार्य सन 1528 में शुरू हुआ था और 1536 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ था | मंदिर के शिखर की ऊंचाई लगभग 50 फीट है |

 

माँ बगलामुखी माता मंदिर नलखेडा

मबगलामुखी माता मंदिर नलखेडा

 

 

 

 

 

मध्यप्रदेश में तीन मुखों वाली त्रिशक्ति माता बगलामुखी का यह मंदिर आगर जिले की तहसील नलखेड़ा में लखुंदर नदी के किनारे स्थित है। द्वापर युगीन यह मंदिर अत्यंत चमत्कारिक है। यहाँ देशभर से शैव और शाक्त मार्गी साधु-संत तांत्रिक अनुष्ठान के लिए आते रहते हैं।इस मंदिर में माता बगलामुखी के अतिरिक्त माता लक्ष्मी, कृष्ण, हनुमान, भैरव तथा सरस्वती भी विराजमान हैं। इस मंदिर की स्थापना महाभारत में विजय पाने के लिए भगवान कृष्ण के निर्देश पर महाराजा युधि‍ष्ठिर ने की थी। मान्यता यह भी है कि यहाँ की बगलामुखी प्रतिमा स्वयंभू है।

 

मोतीसागर तालाब (बड़ा तालाब)

मंदिर

 

 

 

 

आगर के मोतीसागर तलब की खुदाई सन 1052 में अभयराम बंजारा द्वारा कराई गई थी | इस खुदाई के दौरान उसने अपने पुत्र और पुत्रवधु की बलि दी थी, ऐसा कहा जाता है कि उन्ही की याद में तालाब के बीचों-बीच एक छतरी नुमा समाधि बनाई गई है | प्राचीन काल में यहाँ बंजारा कबीलों का निवास था अभयराम उन्ही का सरदार था | 428 बीघा में फैला यह मोतीसागर तालाब आज भी आगर की सुन्दरता के लिए प्रसिध्द है |

 

सोमेश्वर महादेव मंदिर

सोमेश्वर महादेव मंदिर

 

 

 

 

 

 

आगर जिले के उज्जैन रोड पर ग्राम तनोडिया से गुन्दीकलां मार्ग पर गोकुल ग्राम राघोगढ़ के समीप ग्राम सुनारिया है, इसी ग्राम के पश्चिम में 1 कि.मी. दूर छोटी कालीसिंध के मध्य में यह प्रसिध्द मंदिर है, मान्यता है अज्ञातवास के दौरान पांडवो ने भगवान सोमेश्वर की स्थापना की थी | आगर से इसकी दुरी लगभग 25 कि.मी. है |

 

माँ तुलजा भवानी, गुफा बर्डा

माँ तुलजा मंदिर

 

 

 

 

 

 

 

 

आगर नगर से पूर्व दिशा में 2 कि.मी. की दूरी पर माँ तुलजा भवानी का प्राचीन मंदिर है जो प्राकृतिक गुफा में स्थित है | कानड रोड से दक्षिण दिशा में इस मंदिर की दूरी 1 कि.मी. है |

 

पचेटी माता मंदिर (बड़ी माताजी )

मंदिर

 

 

 

 

 

 

 

प्राचीन समय में यहाँ घने जंगल में यह प्राचीन मूर्तियां विराजित थी, धीरे-धीरे यहाँ लोगों का आना जाना शुरू हुआ, माताजी के चमत्कारों से लोगों का आना बढता गया और आज यहाँ एक भव्य मंदिर तैयार हो गया है, जो आज भी जंगल में ही है और पास में ग्राम पचेटी बसा हुआ है |यहाँ नारियल की चटक द्वारा मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मिलता है |

मंदिर की पश्चिम दिशा में जिले की वृहद सिंचाई परियोजना टिलर बांध स्तिथ है जो 1990 में बना है |

जिला मुख्यालय आगर से पचेटी माता की दुरी 22 कि.मी. है | कानड रोड पर ग्राम बागरीखेडा के पास से टिलर बांध हेतु पक्की सड़क है, टिलर बांध के निचे 2 कि.मी. पचेटी ग्राम बसा हुआ है, गाँव से 1 कि.मी. पूर्व दिशा में जंगल में माता रानी विराजित है |

 

चौसठ योगिनी माता मंदिर

चौसट

 

 

 

 

 

 

 

आगर नगर से नलखेडा मार्ग पर ग्राम सुईगाँव से 1 कि.मी. दूर मुख्य सड़क से उत्तर दिशा में 1 कि.मी. दूर घने जंगल में माँ चौसठ योगिनी का प्राचीन मंदिर है | यहाँ खैर के वृक्ष बहुतायत में है |

इसी प्रकार का सोयत कस्बे में कंठाल नदी किनारे भी चौसठ योगिनी का प्रसिध्द मंदिर है |

 

मंशापूर्ण गणपति चिपिया गोशाला

मंदिर

 

 

 

 

 

 

 

आगर से बड़ोद रोड पर 8 कि.मी. दूर गणेश गोशाला चिपिया है, यही मंशापूर्ण श्री गणेशजी का सुन्दर मंदिर पहाड़ी कि तलहटी में बना है, यहाँ कि मूर्ति अत्यंत प्राचीन है |

यही गणेश गोशाला है जिसमे लगभग 1000 गाये है, यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से अत्यंत सुन्दर है |

 

केवडा स्वामी भैरवनाथ मंदिर

केवड़ा

 

 

 

 

 

 

 

आगर के प्रसिध्द मोतीसागर तालाब के तट पर शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र आगर के पास केवडा स्वामी भैरवनाथ मंदिर है, यहाँ की मूर्ति अद्वितीय है एवं एक विशाल वृक्ष के तने की ओट में है |

मान्यता है कि भैरव महाराज बाल रूप में लोगों को परेशान करते थे, भक्तो ने वृक्ष की ओट लगाकर तंत्र के माध्यम से रोक दिया गया था, तबसे यह वृक्ष का तना इनकी ओट हेतु लगा हुआ है |

यही केवडा के फूलों के बगीचे है | मान्यता है इस मूर्ति की स्थापना सन 1424 में गुजरात के झाला राघो देव ने की थी | यहाँ दूर दूर से यात्री दर्शन के लिए आते है |